भू-गर्भिक संरचना से तात्पर्य किसी प्रदेश के भूतल के नीचे पायी जाने वाली चट्टानों की संरचना एवं बनावट से होता है । जिसकी सहायता से प्रदेश की मिटटी ,खनिज, वनों की विविधता, और कृषि योग्य भूमि आदि का अध्यन किया जाता है| छत्तीसगढ़ राज्य की भू-गर्भिक संरचना का विवरण निम्न है -
क्रमांक
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शैल
समूह
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विस्तार
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विवरण
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खनिज
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1
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अर्कियान
युग के शैल समूह
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बघेलखंड का पठार - अंबिकापुर
जसपुर समरी पाट -समरी, जशपुर, बगीचा, कुनकुरी, पत्थलगांव
क्षेत्र में पाए जाते है.
छत्तीसगढ़ का मैदान - घरघोड़ा , पेंड्रा, लोरमी, पंडरिया, महासमुंद, राजिम, कुरूद, धमतरी में
उपलब्ध.
दण्डकराय का पठार - चारामा, भानुप्रतापपुर, कांकेर ,कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाडा
क्षेत्र
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यह
पृथ्वी की प्राचीनतम एवं कठोर चट्टान है तथा सबसे गहराई में पी जाती है .यह
चट्टान मुलतः लावा के ठंडा होने से निर्मित जीवाश्म रहित चट्टाने है
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ग्रेनाईट, फेल्सपार, क्वार्टज़
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2
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धारवाड़
शैल समूह
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इसकी 3 सीरिज है
1.बिलासपुर
संभाग में चिल्फी घाटी.
2.रायपुर
संभाग में सोनाखान सीरिज.
3.दुर्ग -
बस्तर संभाग में लौह अयस्क सीरिज .
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ये
जलीय अवसादी चट्टानें है जो आर्कियाँ चट्टानों के अपरदन से निर्मित है इसमें भी
जीवाश्म नहीं होता है
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लौह
अयस्क
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3
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कडप्पा
शैल समूह
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इसके 2 वर्ग है
-रायपुर श्रेणी और चंद्रपुर श्रेणी
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ग्रेनाईट
चट्टानों के अपरदन से कडप्पा शैल समूह का निर्माण हुआ है ,पंखाकर
आकृति में इन्ही चट्टानों से छत्तीसगढ़ के मैदान का निर्माण हुआ है
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स्लेट
,
चूनापत्थर
,
डोलोमाईट
,
एवं
क्वार्टज़
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4
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विध्यन
शैल समूह
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रायपुर
,
बालोद
,
और
जगदलपुर के क्षेत्रों
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कडप्पा
काल के बाद इसका निर्माण हुआ है
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चुना
पत्थर ,
बलुआ
पत्थर
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5
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प्री
- कैम्ब्रियन शैल समूह
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दुर्ग , बालोद जिला
और राजनंदगांव के कुछ क्षेत्रों
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ज्वालामुखी
उद्भेदन से कडप्पा समूह के दक्षिण -पश्चिम भाग में इसका निर्माण हुआ
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6
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दक्कन
ट्रैप
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कोरबा
,
कवर्धा, सरगुजा एवं
जशपुर
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दरारी
ज्वालामुखी से निकले बेसाल्ट युक्त लावा से दक्कन ट्रैप शैल समूह का निर्माण हुआ
है दक्कन ट्रैप के अपरदन से कलि मिटटी का निर्माण हुआ है
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बाक्साइट
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7
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गोंडवाना
शैल समूह
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उपरी गोंडवाना शैल क्रम
मनेन्द्रगढ़ ,
बैकुंठपुर, जशपुर
निचली
गोंडवाना शैल क्रम सरगुजा , कटघोरा, कोरबा , खरसिया, रायगढ़
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नदियों के अवसादों से युगों से
जमे वनस्पत्ति एवं जीवों के अवशेष से एन चात्तानोंका निर्माण हुआ है
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कोयला
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