शब्दों की जाती को लिंग कहते हैं | संज्ञा के जिस रुप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो उसे व्याकरण में लिंग कहते हैं | लिंग संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है चिन्ह या निशान
हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं
वाक्यों में लिंग का निर्णय निम्न प्रकार से किया जा सकता है
हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं
- पुर्लिंग: संज्ञा के जिस रुप से व्यक्ति या वस्तु की नर जाति का बोध हो
- स्त्रीलिंग : संज्ञा के जिस रुप से व्यक्ति या वस्तु की मादा जाति का बोध हो
वाक्यों में लिंग का निर्णय निम्न प्रकार से किया जा सकता है
- विशेषण में: मोटा सा आदमी आया है (आदमी पुर्लिंग के अनुसार), वह बड़ा मकान है (मकान पुर्लिंग के अनुसार), यह छोटी लड़की है (लड़की स्त्रीलिंग के अनुसार), यह बड़ी पुस्तक है (पुस्तक स्त्रीलिंग के अनुसार )
- सर्वनाम में: मेरी पुस्तक अच्छी है (पुस्तक स्त्रीलिंग के अनुसार), मेरा घर बड़ा है (घर पुर्लिंग के अनुसार), उसकी कलम खो गई है (कलम स्त्रीलिंग के अनुसार), उसका स्कूल बंद है (स्कूल पुर्लिंग के अनुसार)
- क्रिया में: बुढ़ापा आ गया (बुढ़ापा पुर्लिंग के अनुसार), सहायता मिली है (सहायता स्त्रीलिंग के अनुसार)
- विभक्ति में: सामान्य गुलाब का रंग लाल है (रंगपुर रंग के अनुसार संबंध), आप का चरित्र अच्छा है (चरित्र पुर्लिंग के अनुसार)
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