Friday, 1 December 2017

नल वंश (Nal Dynasty)


  • इस वंश को नल नाग वंश के नाम से भी जाना जाता है। 
  • राजधानी -   पुष्करी ( वर्त्तमान : भोपालपट्टनम - बीजापुर जिला ), कोरापुट, बस्तर।
  • शासन काल - 290 ई.  से 960 ई. तक। 
  • इसी वंश के व्याघराज को समुद्रगुप्त ने हराया था।
  • यह वंश वाकाटक का समकालीन था और इस वंश का वाकाटक से लम्बा शंघर्ष चला। 
  • इस वंश के कुल पांच अभिलेख प्राप्त हैं 
    1. भवदत्त वर्मा का ऋद्धिपुर (अमरावती ) ताम्रपत्र 
    2. भवदत्त वर्मा का पोड़ागढ़ (जैपुर राज्य ) शिलालेख 
    3. अर्थपति का केशरिबेढ़ ताम्रपत्र 
    4. अर्थपति का पांडियापाथर लेख (उड़ीसा ) 
    5. विलासतुंग का राजिम शिलालेख  
  • इस वंश के सिक्के एड़ेंगा एवं कुलिया के मुद्रा भाण्डो से प्राप्त हुए हैं। 
  •  पूर्वी चालुक्य राजा कीर्तिवर्मन ने 567 -97 में नलों पर आक्रमण किया था।  



शासक

  1. वराहराज ( शिशुक ) 
    • नल वंश के संस्थापक
    • एड़ेंगा के मुद्रा भाण्डो से वराहराज के 29 स्वर्ण मुद्रायें प्राप्त हुए हैं। 
  2. भवदत्त वर्मन 
    • वाकाटक नरेश नरेंद्रसेन की राजधानी नन्दिवर्धन ( वर्तमान : नागपुर - महाराष्ट्र ) पर आक्रमण कर उसे पराजित किया 
  3. अर्थपति 
    • नरेंद्रसेन के पुत्र पृथ्वीसेन द्वितीय ने भवदत्त वर्मन के पुत्र अर्थपति को पराजित कर अपने पिता के पराजय का बदला लिया 
    • इस युद्ध में अर्थपति की मृत्यु हो गयी 
  4. स्कन्दवर्मन 
    • नलवंश की पुनर्स्थापना की 
    • शक्तिशाली शासक थे 
  5. पृथ्वीराज 
    •  राजिम शिलालेख से प्राप्त जानकारी के अनुशार विलासतुंग के पितामह 
  6. विरुपाक्ष
    • राजिम शिलालेख से प्राप्त जानकारी के अनुशार विलासतुंग के पिता
  7. विलासतुंग 
    • राजिम के राजीव लोचन मंदिर का निर्माण सन 712 ई.  करवाया
  8. नन्दन राज 
  9. स्तम्भ 
  10. पृथ्वीव्याघ्र 
  11. भीमसेन 
  12. नरेन्द्र धवल 
    • अंतिम शासक 

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