चालुक्य वंश
- चालुक्य प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध क्षत्रिय गुर्जर राजवंश था।
- छठीं से आठवीं शताब्दी ईसवी तथा दसवीं से बारहवीं शताब्दी ईसवी तक चालुक्य वंश दक्षिण में एक शक्तिशाली वंश था।
- दन्तिदुर्ग ने चालुक्य साम्राज्य को पराजित कर राष्ट्रकूट साम्राज्य की नींव डाली।
- इन चालुक्य राजाओं की तीन शाखाएँ थीं
- वातापी ( बादामी ) का चालुक्य वंश
- जयसिंह चालुक्य -
- रणराग -
- पुलकेशी प्रथम
- शासन काल-(550-566 ई.)
- कीर्तिवर्मा प्रथम
- शासन काल-(566-567 ई.)
- मंगलेश
- शासन काल-(597-98 से 609 ई.)
- पुलकेशी द्वितीय
- शासन काल-(609-10 से 642-43 ई.)
- विक्रमादित्य प्रथम
- शासन काल-(654-55 से 680 ई.)
- विनयादित्य
- शासन काल-(680 से 696 ई.)
- विजयादित्य
- शासन काल-(696 से 733 ई.)
- विक्रमादित्य द्वितीय
- शासन काल-(733 से 745 ई.)
- कीर्तिवर्मा द्वितीय
- शासन काल-(745 से 753 ई.)
- कल्याणी का चालुक्य वंश
- तैलप -
- सत्याश्रय
- शासन काल-(977 से 1008 ई.)
- विक्रमादित्य पंचम
- शासन काल-(1008 ई.)
- अच्चण द्वितीय -
- जयसिंह जगदेकमल्ल
- शासन काल-(1015 से 1045 ई.)
- सोमेश्वर प्रथम आहवमल्ल
- शासन काल-(1043 से 1068 ई.)
- सोमेश्वर द्वितीय भुवनैकमल्ल
- शासन काल-(1068 से 1070 ई.)
- विक्रमादित्य षष्ठ
- शासन काल-(1070 से 1126 ई.)
- सोमेश्वर तृतीय
- शासन काल-(1126 से 1138 ई.)
- जगदेकमल्ल द्वितीय
- शासन काल-(1138-1151 ई.)
- तैलप तृतीय
- शासन काल-(1151-1156 ई.)
- सोमेश्वर चतुर्थ
- शासन काल-(1181-1189 ई.)
- वेंगि का चालुक्य वंश
- विष्णुवर्धन
- शासन काल-615 से 633 ई
- जयसिंह प्रथम
- शासन काल-(633-663 ई.)
- इन्द्रवर्मा (केवल एक सप्ताह)
- विष्णुवर्धन द्वितीय
- शासन काल-(663-672 ई.)
- मेगी युवराज ने
- शासन काल-(672-696 ई.)
- जयसिंह द्वितीय
- शासन काल-(696-709 ई.)
- कोकुलि विक्रमादित्य
- विष्णुवर्धन तृतीय
- शासन काल-(709-746 ई.)
- विजयादित्य प्रथम
- शासन काल-(746-764 ई.)
- विजयादित्य द्वितीय
- शासन काल-(799-843 ई.)
- विजयादित्य तृतीय
- शासन काल-(844-888 ई.)
- भीम प्रथम
- शासन काल-(888-918 ई.)
- भीम द्वितीय
- शासन काल-(918-934 ई.)
- भीम तृतीय
- शासन काल-(934-945 ई.)
- विक्रमादित्य षष्ठ
- शासन काल-(948-970 ई.)
- शक्तिवर्मा
- शासन काल-(1003-1015 ई.)
- विष्णुवर्धन अष्टम
- शासन काल-(1020-1063 ई.)
- कुलोत्तुंग चोलदेव
- शासन काल-(1063-1118 ई.)
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