छत्तीसगढ़ में जनजातीय/आदिवासी विद्रोह
- हल्बा विद्रोह
- वर्ष - 1774 -79 ई.
- नेतृत्व- अजमेर सिंह
- शासक- दरियावदेव
- उद्देश्य - उत्तराधिकार हेतु
- विशेष - प्रथम विद्रोह
- भोपालपट्टनम संघर्ष
- वर्ष -1795 ई.
- नेतृत्व- आदिवासियों द्वारा
- उद्देश्य - अंग्रेज अधिकारी जे. टी. ब्लण्ट को जगदलपुर प्रवेश के विद्रोह में
- विशेष - अल्पकालीन व सीमित
- परलकोट विद्रोह
- वर्ष -1824 ई.
- नेतृत्व- गेंदसिंह (फांसी २०-०१-१८२५ )
- शासक- महिपाल देव
- उद्देश्य - अबुझमाड़ीयों की शोषण मुक्ति
- दमनकर्ता - कैप्टन पेबे
- विशेष - प्रथम शहीद - गेंद सिंह , प्रतीक धावडा पेड़ की टहनी
- तारापुर विद्रोह
- वर्ष -1842 ई.
- नेतृत्व- दलगंजन सिंह
- शासक- भुपालदेव
- उद्देश्य - टकोली बढाने के विरोध में
- मेरिया विद्रोह
- वर्ष -1842 ई.
- नेतृत्व- हिडमा मांझी
- शासक- भुपालदेव
- उद्देश्य - नरबलि प्रथा के विरूद्व
- दमनकर्ता - कैम्पबेल
- लिंगागिरि विद्रोह
- वर्ष -1856
- नेतृत्व- धुरूवाराम माडिया (दूसरा शहीद)
- शासक- भैरमदेव
- उद्देश्य - बस्तर का मुक्ति संग्राम
- कोई विद्रोह
- वर्ष -1859 ई.
- नेतृत्व- नांगूल दोरला
- शासक- भैरमदेव
- उद्देश्य - साल पेड के कटाई के विरूद्ध
- मुरिया विद्रोह
- वर्ष -1876 ई.
- नेतृत्व- झाड़ा सिरहा
- शासक- भैरमदेव
- दमनकर्ता - मैक जार्ज
- प्रतीक- आम कि टहनी
- रानी चोरिस का विद्रोह (रानी का विद्रोह या रानी का कोप भी कहा जाता है )
- वर्ष -1878 -82 ई.
- नेतृत्व- जुगराज कुँवर(बस्तर की रानी )
- शासक- भैरमदेव
- महान भूमकाल विद्रोह
- वर्ष -1910 ई.
- नेतृत्त्व- गुंडाधुर (नेतानार के जमींदार)
- शासक- रूद्रप्रताप सिंह देव
- उद्देश्य - शोषण के विरूद्व
- दमनकर्ता - कैप्टन गेयर
- प्रतीक- लालमिर्च+आम कि टहनी,
No comments:
Post a Comment