Friday, 1 December 2017

छत्तीसगढ़ में आदिवासी विद्रोह (Tribal Revolt in Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ में जनजातीय/आदिवासी विद्रोह
  1. हल्बा विद्रोह
    • वर्ष - 1774 -79  ई. 
    •  नेतृत्व- अजमेर सिंह
    •  शासक- दरियावदेव
    •  उद्देश्य - उत्तराधिकार हेतु
    •  विशेष - प्रथम विद्रोह
  2. भोपालपट्टनम संघर्ष 
    • वर्ष -1795 ई.
    • नेतृत्व- आदिवासियों द्वारा
    • उद्देश्य - अंग्रेज अधिकारी जे. टी. ब्लण्ट को जगदलपुर प्रवेश के विद्रोह में
    • विशेष - अल्पकालीन व सीमित
  3. परलकोट विद्रोह 
    • वर्ष -1824 ई.
    • नेतृत्व- गेंदसिंह (फांसी २०-०१-१८२५ )
    • शासक- महिपाल देव
    • उद्देश्य - अबुझमाड़ीयों की शोषण मुक्ति
    • दमनकर्ता - कैप्टन पेबे
    • विशेष - प्रथम शहीद - गेंद सिंह , प्रतीक धावडा पेड़ की टहनी
  4. तारापुर विद्रोह 
    • वर्ष -1842 ई.
    • नेतृत्व- दलगंजन सिंह
    • शासक- भुपालदेव
    • उद्देश्य - टकोली बढाने के विरोध में
  5. मेरिया विद्रोह 
    • वर्ष -1842 ई.
    • नेतृत्व- हिडमा मांझी
    • शासक- भुपालदेव
    • उद्देश्य - नरबलि प्रथा के विरूद्व
    • दमनकर्ता - कैम्पबेल
  6. लिंगागिरि विद्रोह 
    • वर्ष -1856 
    • नेतृत्व- धुरूवाराम माडिया (दूसरा शहीद)
    • शासक- भैरमदेव
    • उद्देश्य - बस्तर का मुक्ति संग्राम
  7. कोई विद्रोह 
    • वर्ष -1859 ई. 
    • नेतृत्व- नांगूल दोरला
    • शासक- भैरमदेव
    • उद्देश्य - साल पेड के कटाई के विरूद्ध
  8. मुरिया विद्रोह 
    • वर्ष -1876  ई.
    • नेतृत्व- झाड़ा सिरहा
    • शासक- भैरमदेव
    • दमनकर्ता - मैक जार्ज
    • प्रतीक- आम कि टहनी
  9. रानी चोरिस का विद्रोह (रानी का विद्रोह या रानी का कोप भी कहा जाता है ) 
    • वर्ष -1878 -82 ई.
    • नेतृत्व- जुगराज कुँवर(बस्तर की रानी ) 
    • शासक- भैरमदेव
  10. महान भूमकाल विद्रोह
    • वर्ष -1910  ई.
    • नेतृत्त्व- गुंडाधुर (नेतानार के जमींदार)
    • शासक- रूद्रप्रताप सिंह देव
    • उद्देश्य - शोषण के विरूद्व
    • दमनकर्ता - कैप्टन गेयर
    • प्रतीक- लालमिर्च+आम कि टहनी,

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