Saturday, 21 October 2017

अनेकार्थी शब्द

ऐसे शब्द, जिनके अनेक अर्थ होते है, अनेकार्थी शब्द कहलाते है | कुछ प्रमुख अनेकार्थी शब्द निम्न हैं :-

  • अपवाद- कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।
  • अंक- भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद।
  • अंबर- आकाश,अमृत, वस्त्र।
  • अतिथि- मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा।
  • अधर- धरती (आकाश के बीच का स्थान), पाताल, नीचा, होंठ।
  • अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
  • अन्तर- शेष, दूरी, हृदय, भेद।
  • अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।
  • अरुण- लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि ।
  • अर्थ- मतलब, कारण, लिए, भाव, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।
  • अवकाश- छुटटी, अवसर, अंतराल
  • आपत्ति- विपत्ति,एतराज।
  • आम- आम का फल, सर्वसाधारण, मामूली, सामान्य।
  • आराम- बाग, विश्राम, रोग का दूर होना।
  • आराम- विश्राम, निरोग होना।
  • उत्तर- उत्तर दिशा, जवाब, हल, अतीत, पिछला, बाद का इत्यादि।
  • कनक- सोना, धतूरा, गेंहूँ।
  • कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।
  • कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
  • कल- बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन।
  • कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।
  • काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।
  • काल- समय, मृत्यु, यमराज।
  • कुशल- खैरियत, चतुर ।
  • खग- पक्षी, तारा, गन्धर्व, बाण।
  • खर- दुष्ट, गधा, तिनका, एक राक्षस।
  • खल- दुष्ट, धतूरा, दवा कूटने का खरल।
  • गण- समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, पिंगल के गण।
  • गति- चाल, दशा, मोक्ष, हालत।
  • गुण- कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी।
  • गुरु- शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
  • गो- बाण, आँख, वज्र, गाय, स्वर्ग, पृथ्वी, सरस्वती, सूर्य, बैल, इत्यादि।
  • घन- बादल, अधिक, घना, गणित का घन, पिण्ड, हथौड़ा ।
  • जड़- मूल, मूर्ख।
  • जलज- कमल, मोती, शंख, मछली, चन्द्रमा, सेवार।
  • जलधर- बादल, समुद्र।
  • जाल- फरेब, बुनावट, जाला।
  • जीवन- जल, प्राण, जीवित।
  • ज्येष्ठ (जेठ)- पति का बड़ा भाई, बड़ा, हिन्दी महीना।
  • तारा- आँख की पुतली, नक्षत्र, बालि की स्त्री, बृहस्पति की स्त्री।
  • तीर- बाण, किनारा, तट।
  • दंड- सज़ा, डंडा, एक व्यायाम।
  • दल- समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।
  • द्रव्य- वस्तु, धन।
  • धन- सम्पति, योग।
  • धर्म- प्रकृति, स्वभाव, कर्तव्य, सम्प्रदाय।
  • नग- पर्वत, वृक्ष, नगीना।
  • नाग- हाथी, साँप।
  • निशाचर- राक्षस, प्रेत, उल्लू, चोर।
  • पक्ष- पन्द्रह दिन का समय, ओर, पंख, बल, सहाय, पार्टी।
  • पतंग- सूर्य, पक्षी, टिड्डी, फतिंगा, गुड्डी।
  • पत्र- पत्ता, चिठ्ठी, पंख।
  • पद- चरण, शब्द, पैर, स्थान, ओहदा, कविता का चरण।
  • पय- दूध, पानी।
  • पानी- जल, चमक, इज्जत ।
  • पृष्ठ- पीठ, पत्रा, पीछे का भाग।
  • प्रभाव- सामर्थ्य, असर, महिमा, दबाव।
  • फल- लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक।
  • बल- सेना, शक्ति।
  • बलि- राजा बलि, बलिदान, उपहार, कर इत्यादि।
  • भाग- हिस्सा, विभाजन, भाग्य।
  • मत- राय, वोट, नही।
  • मधु- शहद, शराब, मीठा, वसन्तऋतु।
  • महावीर- हनुमान, बहुत बलवान्, जैन तीर्थकर।
  • मान- इज्जत, अभिमान, नाप-तौल।
  • मित्र- सूर्य, दोस्त।
  • मुद्रा- मुहर, आकृति, धन।
  • मूक- गूँगा, चुप, विवश।
  • योग- नियम, उपाय, मिलन, जोड़। राशि- समूह, मेष, कर्क, आदि राशियाँ।
  • रस- प्रेम, काव्य के नौ रस, स्वाद, सार।
  • लक्ष्य- निशाना, उद्देश्य।
  • वन- जंगल, जल।
  • वर- दूल्हा, वरदान, श्रेष्ट।
  • वर्ण- जाति, रंग, अक्षर।
  • वार- प्रहार, बारी, दिन।
  • विग्रह- लड़ाई, शरीर, देवता की मृर्ति।
  • विजया- दुर्गा, भाँग।
  • विधि- कानून, रीति, ईश्वर, भाग्य, ढंग।
  • विरोध- वैर, विपरीत भाव।
  • विषम- जो सम न हो, भीषण, बहुत कठिन।
  • शक्ति- देवी, योग्यता, प्रभाव, बल।
  • शिव- मंगल, महादेव, भागयशाली।
  • शुद्ध- पवित्र, ठीक, जिसमें मिलावट न हो।
  • संज्ञा- नाम, चेतना।
  • सर- तालाब, सिर, पराजित।
  • सारंग- हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मधुमक्खी, कमल।
  • सुधा- अमृत, पानी।
  • सेहत- सुख, स्वास्थ्य। रोग से छुटकारा।
  • स्थूल- मोटा, सहज में दिखाई देने या समझ में आने योग्य।
  • स्नेह- प्रेम, तेल, चिकनाई।
  • हंस- प्राण, पक्षिविशेष।
  • हरकत- गति, चेष्टा, नटखटपन।
  • हस्ती- हाथी, अस्तित्व।
  • हार- आभूषण, पराजय।
  • हीन- रहित, दीन, निकृष्ट।


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