छत्तीसगढ़ के नामकरण के संदर्भ में विद्वानों का अलग-अलग मत है | इस क्षेत्र का छत्तीसगढ़ नामकरण कब और कैसे हुआ इस संदर्भ की स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं है | छत्तीसगढ़ नामकरण के प्रचलित मत इस प्रकार हैं -
- बेलगर के अनुसार जरासंघ के काल में छत्तीस चर्मकार परिवार ने जरासंघ के राज्य से पृथक होकर नए राज्य का स्थापना किया और ये छत्तीस घर कहलाया और बाद में ये छत्तीसगढ़ के नाम से जाना गया .
- हीरालाल के अनुसार कलचुरी वंश जो चेदी वंशी कहलाते थे के नाम पर श्रेत्र चेदिश्गढ़ कहलाया बाद में यही नाम छत्तीसगढ़ हो गया .
- कई इतिहासकारों का मानना है की छत्तीसगढ़ का नाम यहाँ स्थापित ३६ गढ़ों या किलों के नाम पर हुआ है
गढ़ों के आधार पर हुआ छत्तीसगढ़ नामकरण सर्वाधिक मान्यता प्राप्त मत है | इन गढ़ों की जानकारी देने वाले अभिलेखों में ब्रम्हदेव का खल्लारी शिलालेख महत्वपूर्ण है, जिसमें कलचुरी राजवंश की दो शाखाओं का वर्णन है , रतनपुर शाखा और रायपुर शाखा | रतनपुर शाखा के अधीन 18 गढ़ एवं रायपुर शाखा के अधीन 18 गढ़ थे जिन्हे शिवनाथ नदी उत्तर में रतनपुर शाखा एवं दक्षिण में रायपुर शाखा के रूप में विभाजित करती थी |
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