कांकेर का सोम वंश
- ये कलचुरी वंश के अधीन शासन करते थे
- इस वंश का अवचित्य 1192 ई. से 1320 ई. तक था
- इस वंश के कुल पांच (5 ) अभिलेख प्राप्त हैं
- तहलकापर में पम्पराज के दो ताम्रपात्र लेख मिले है, जिसमे पम्पराज के पिता सोमदेव और सोमदेव के पिता वोपदेव का उल्लेख करते है
- कर्ण राज ने शिहावा में भगवान शिव का मंदिर और कांकेर में दूध नदी के तट पर रामनाथ मंदिर का निर्माण किया
- सिंह राज
- संस्थापक या प्रथम शासक
- व्याघ्रराज
- वोपदेव
- यह वंश तीन शाखाओ में विभाजित हो गया
- पहली शाखा कर्ण राज का सिहावा अभिलेक (1191 ई. )
- दूसरी शाखा पम्प राज का तहनकापारा से प्राप्त ताम्र पात्र (1214 ई. )
- तीसरी शाखा भानुदेव का कांकेर शिलालेख (1320 ई. )
- कृष्ण राज
- जैत राज
- सोम वंश के अन्य शाखाओ को फिर से मुख्य शाखा के साथ मिलाया
- सोमचन्द्र
- भानुदेव
- चंद्रसेन देव
- सोम वंश के अंतिम राजा
- भगवान शिव के मंदिर का निर्माण किया